हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई/ हज़रत फातिमा ज़हरा की शहादत के अवसर पर मौलाना सैयद महबूब मेहदी आबिदी की अध्यक्षता में अल-बक़ी ऑर्गनाइज़ेशन, शिकागो यूएसए के बैनर तले एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमे अमेरिका, इंग्लैंड, भारत के विद्वानो ने भाग लेते हुए जन्नतुल बक़ीअ के निर्माण की मांग की।
बक़ीअ संगठन के संरक्षक मौलाना महबूब मेहदी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा: नव निर्माण आंदोलन के सिलसिले मे जो उपाय बक़ी ऑर्गनाइज़ेशन की ओर से किए जा रहे है उनमे जारूकता दिखाई दे रही है और क़ुम एंव नजफ के विद्वान सहित मराजा ए एज़ाम भी हमे प्रोत्साहित कर रहे है।
नजफ अशरफ शहर के जाने-माने युवा खतीब मौलाना सैयद रोमान रिजवी ने कहा, "जनत-उल-बकी इस्लाम का केंद्र और धुरी है जिससे इस्लाम का इतिहास जुड़ा हुआ है।"
लंदन के एक वरिष्ठ विद्वान और शोधकर्ता मौलाना मुहम्मद हसन मारुफी ने कहा: जन्नतुल बक़ीअ के निर्माण आंदोलन को विभिन्न भाषाओ मे पेश करना चाहिए।
दोहा, कतर के एक सम्मानित उर्दू भाषा के कवि और लेखक श्री सैयद इकबाल रिज़वी शारब ने अपनी कविता के माध्यम से बकिया के निर्माण पर जोर दिया।
यह यही कोशिश कि तामीर हो फिर रोजा तेरा
जिसको एक बेदीन अमदन गिराया फ़ातेमा
सऊदी सरकार को संबोधित करते हुए, आजमगढ़ के एक वरिष्ठ धार्मिक विद्वान, लेखक और शोधकर्ता शेख इब्न हसन अमलवी ने कहा, "हमें इन तीर्थस्थलों का निर्माण करने की अनुमति दें, हम खुद एक बडे हरम का निर्माण करेंगे।"
लखनऊ के एक मजबूत विचारक और उपदेशक मौलाना सैयद हसनैन बाकिरी ने सऊदी सरकार से बकियाह दरगाहों के निर्माण की हमारी मांग को स्वीकार करने के लिए कहा।
संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्व प्रसिद्ध विद्वान मौलाना सैयद अब्बास एलिया ने कहा: इस्लामी व्यक्तियो की कब्रो पर जाकर लोग एनेर्जी गेन करते है और वैश्विक साम्राज को यह पसंद नही है इसलिए वह कब्रो के खिलाफ बोलते है।
तेहरान, ईरान से 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक और अनुवादक मौलाना सैयद हुसैन अख्तर रिज़वी ने कहा कि लब्बैक या हुसैन को जबान से नहीं बल्कि कर्मों से साबित करना है। और वर्तमान मे जन्नतुल बक़ीअ के निर्माण के आंदोलन मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले इसे साबित करना है।
दिल्ली के एक विश्व प्रसिद्ध खतीब मौलाना सैयद रईस अहमद जारचवी ने कहा, “जन्नतुल बकीअ के निर्माण के लिए, हमें उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक ज्ञापन देना चाहिए जिनका सऊदी सरकार द्वारा सम्मान किया जाता है। अगर ये संस्थान सऊदी सरकार पर निर्माण के लिए दबाव डाले, तो इसका असर जाहिर हो सकता है।
अंत में, भारत के पुणे के मौलाना मुहम्मद असलम रिज़वी ने कहा: बक़ी ऑर्गनाइज़ेशन की ओर से जो आंदोलन शुरू किया गया है इसके अच्छे परिणाम देखने मे आ रहे है और ऐसा लग रहा है कि 495 दिन के बाद जब इंहेदामे जन्नतुल बकीअ को 100 साल पूरे हो जाऐंगे, तो इस दिन पूरी दुनिया में ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन होंगा जो सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा।
एसएसएन चैनल के प्रधान संपादक और सामाजिक कार्यकर्ता मौलाना अली अब्बास वफ़ा ने प्राचीन परंपरा के अनुसार अपने आकर्षक निर्देशन से सम्मेलन को और भी आर्कषक बना दिया। और अपनी दमदार आवाज से सभी का दिल जीत लिया।